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Tag: घी तेल

सुंदरकाण्ड (दोहा-25)

Posted on 20 July 2021 By दाढ़ीवाला No Comments on सुंदरकाण्ड (दोहा-25)

पूँछहीन बानर तहँ जाइहि। तब सठ निज नाथहि लइ आइहि।। जिन्ह कै कीन्हिसि बहुत बड़ाई। देखउँ मैं तिन्‍ह कै प्रभुताई।। बचन सुनत कपि मन मुसुकाना। भइ सहाय सारद मैं जाना।। जातुधान सुनि रावन बचना। लागे रचैं मूढ़ सोइ रचना।। रहा न नगर बसन घृत तेला। बाढ़ी पूँछ कीन्‍ह कपि खेला।। कौतुक कहँ आए पुरबासी। मारहिं…

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सुंदरकाण्ड
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