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Tag: मण्‍डली

सुंदरकाण्ड (दोहा-46)

Posted on 2 November 2021 By दाढ़ीवाला No Comments on सुंदरकाण्ड (दोहा-46)

अस कहि करत दंडवत देखा। तुरत उठे प्रभु हरष बिसेषा।। दीन बचन सुनि प्रभु मन भावा। भुज बिसाल गहि हृदयँ लगावा।। अनुज सहित मिलि ढिग बैठारी। बोले बचन भगत भयहारी।। कहु लंकेस सहित परिवारा। कुसल कुठाहर बास तुम्‍हारा।। खल मंडली बसहु दिनु राती। सखा धरम निबहइ केहि भॉंती।। मैं जानउँ तुम्‍हारि सब रीती। अति नय…

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सुंदरकाण्ड
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